NPA of banks reached lowest level in 12 years, profit increased by 22.2 percent

बैंकों का एनपीए 12 वर्षों के निचले स्तर पर पहुंचा, मुनाफा 22.2 प्रतिशत बढ़ा: आर्थिक सर्वेक्षण 

NPA of banks reached lowest level in 12 years, profit increased by 22.2 percent

NPA of banks reached lowest level in 12 years, profit increased by 22.2 percent

NPA of banks reached lowest level in 12 years, profit increased by 22.2 percent- नई दिल्ली। भारत के बैंकिंग सेक्टर का वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीने (अप्रैल-दिसंबर) की अवधि में प्रदर्शन शानदार रहा है। सितंबर 2024 में बैंकों का ग्रॉस एनपीए 12 वर्षों के निचले स्तर 2.6 प्रतिशत पर आ गया है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक का मुनाफा सालाना आधार पर 22.2 प्रतिशत बढ़ा है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में दी गई।  

आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि चालू वित्त वर्ष में बैंक क्रेडिट स्थिर दर से बढ़ा है। वहीं, जमा में दोहरे अंक की वृद्धि हुई है। नवंबर 2024 के अंत तक शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों की कुल जमा में सालाना आधार पर 11.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

आर्थिक सर्वेक्षण में सेक्टर के हिसाब से बताया गया कि चालू वित्त वर्ष में 29 नवंबर 2024 तक एग्रीकल्चर क्रेडिट ग्रोथ रेट 5.1 प्रतिशत, इंडस्ट्रियल क्रेडिट की ग्रोथ रेट 4.4 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले साल 3.2 प्रतिशत थी।

वहीं, सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) की क्रेडिट ग्रोथ रेट 13 प्रतिशत रही है, जो कि बड़ी कंपनियों में 6.1 प्रतिशत पर रही है।

आर्थिक सर्वेक्षण में आगे बताया गया कि ग्रामीण वित्तीय संस्थानों का भी एनपीए कम रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) का कंसोलिडेटेड शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023 में 4,974 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 7,571 करोड़ रुपये हो गया।

हाल ही में आई क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच की रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय बैंकों का एनपीए रेश्यो मार्च 2025 तक 0.4 प्रतिशत कम होकर 2.4 प्रतिशत हो सकता है। इसमें अगले साल तक 0.2 प्रतिशत की और कमी देखने को मिल सकती है।

एनपीए का कम होना दिखाता है कि देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत बनी हुई है और बैंकिंग सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।